सहजन, जिसे अंग्रेज़ी में ड्रमस्टिक के नाम से जाना जाता है, एक पौधा है जो अपने स्वाद के साथ-साथ पोषण संबंधी गुणों के लिए भी व्यापक रूप से माना जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम Moringa oleifera है। भारतीय पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली में सहजन का उपयोग सदियों से होता आ रहा है। इसके पत्ते, फली, बीज और फूल विभिन्न व्यंजनों के साथ-साथ औषधीय उपयोग के लिए भी प्रयोग किए जाते हैं। सहजन की फली अक्सर सब्जियों के साथ पकाई जाती है, जबकि इसके पत्ते सूप, सलाद और चटनी में शामिल किए जाते हैं।
सहजन को “जीवन का पेड़” भी कहा जाता है क्योंकि इसके पोषक तत्व शरीर की विभिन्न जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ कई स्वास्थ्य समस्याओं के प्रबंधन में भी सहायक होते हैं।
प्राचीन काल से सहजन का आयुर्वेद में महत्वपूर्ण स्थान रहा है, जहां इसे कई रोगों के उपचार के लिए प्राकृतिक और प्रभावी विकल्प माना जाता है। इसकी पोषक सामग्री की भरपूर मौजूदगी इसे एक सुपरफूड के रूप में स्थापित करती है, जो संपूर्ण स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मददगार साबित होती है।
सहजन (ड्रमस्टिक) में उपस्थित पोषण की मात्रा
सहजन में पोषण की मात्रा अत्यधिक होती है, जिससे यह स्वास्थ्य के लिए एक महत्वपूर्ण स्रोत बनता है। यहां सहजन में उपस्थित प्रमुख पोषक तत्वों की एक तालिका दी गई है:
पोषक तत्व | मात्रा (100 ग्राम में) |
कैल्शियम | 185 मिलीग्राम |
प्रोटीन | 9.4 ग्राम |
विटामिन-ए | 6,764 आईयू |
विटामिन-सी | 51.7 मिलीग्राम |
आयरन | 0.85 मिलीग्राम |
पोटैशियम | 337 मिलीग्राम |
फाइबर | 2.0 ग्राम |
मैग्नीशियम | 42 मिलीग्राम |
जिंक | 0.6 मिलीग्राम |
फास्फोरस | 70 मिलीग्राम |
सहजन इन पोषक तत्वों के कारण एक सम्पूर्ण और पौष्टिक आहार माना जाता है। विशेष रूप से यह प्रोटीन और विटामिन सी का उत्कृष्ट स्रोत है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में सहायक होता है।
सहजन (ड्रमस्टिक) के गुण
सहजन के कई चिकित्सीय लाभ हैं, जो इसे एक प्रभावशाली प्राकृतिक औषधि बनाते हैं। इसके प्रमुख गुण निम्नलिखित हैं:
- एंटीऑक्सिडेंट गुण: सहजन में उच्च मात्रा में एंटीऑक्सिडेंट मौजूद होते हैं, जो शरीर में फ्री रेडिकल्स के नकारात्मक प्रभाव को कम करने में सहायक होते हैं। इससे कैंसर और हृदय रोगों के खतरे को घटाने में मदद मिलती है।
- सूजन-रोधी प्रभाव: सहजन में पाए जाने वाले फाइटोकेमिकल्स सूजन को कम करने में प्रभावी होते हैं, जो गठिया और अन्य सूजन संबंधी बीमारियों के इलाज में मददगार साबित हो सकते हैं।
- रक्त शर्करा नियंत्रण: सहजन का सेवन रक्त में शुगर के स्तर को संतुलित रखने में मदद करता है। यह इंसुलिन उत्पादन को बढ़ावा देने तथा डायबिटीज नियंत्रण में सहायक होता है।
- पाचन तंत्र के लिए लाभकारी: सहजन में फाइबर की अच्छी मात्रा होती है, जो पाचन क्रिया को सुधारने और कब्ज जैसी समस्याओं को कम करने में उपयोगी है।
- त्वचा और बालों की देखभाल: सहजन का नियमित सेवन त्वचा की चमक बढ़ाने और बालों को मजबूत बनाने में सहायक होता है। इसके एंटीऑक्सिडेंट तत्व त्वचा की उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा कर सकते हैं।
- हृदय स्वास्थ्य का समर्थन: सहजन हृदय रोगों से बचाव में मदद करता है। यह रक्त में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने और ब्लड प्रेशर को कम करने में भी फायदेमंद होता है।
सहजन (ड्रमस्टिक) के संभावित उपयोग और लाभ
सहजन के कई स्वास्थ्य लाभ हैं, जो इसे एक पोषक तत्वों से भरपूर आहार का महत्वपूर्ण हिस्सा बनाते हैं। इसके प्रमुख उपयोग इस प्रकार हैं:
1. डायबिटीज़ में सहजन का संभावित लाभ
डायबिटीज़ के मरीजों के लिए सहजन एक प्राकृतिक विकल्प माना जाता है। इसमें पाए जाने वाले फाइटोकेमिकल्स और एंटी-डायबिटिक गुण ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। अनुसंधानों से पता चलता है कि सहजन का सेवन इंसुलिन उत्पादन को बढ़ावा दे सकता है, जिससे ब्लड शुगर नियंत्रित रहता है। साथ ही, सहजन की पत्तियों का रस डायबिटीज़ प्रबंधन में सहायक हो सकता है।
2. घाव भरने में सहजन का उपयोग
सहजन में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट और सूजनरोधी (एंटी-इंफ्लेमेटरी) तत्व घावों के जल्दी भरने में योगदान करते हैं। ये संक्रमण को रोकने में मदद करते हुए घाव की मरम्मत को तेज करते हैं। सहजन की पत्तियों का पेस्ट बनाकर घाव पर लगाने से भी लाभ प्राप्त हो सकता है।
3. किडनी स्वास्थ्य के लिए सहजन के फायदे
सहजन किडनी की सुरक्षा और कार्यप्रणाली को बेहतर बनाने में सहायक हो सकता है। इसमें मौजूद फाइटोकेमिकल्स किडनी को डिटॉक्सिफाई करने में मदद करते हैं और यूरिक एसिड के स्तर को कम करके किडनी स्टोन बनने की संभावना को घटाते हैं। नियमित सेवन से किडनी की कार्यक्षमता में सुधार हो सकता है।
4. सहजन के अन्य चिकित्सीय उपयोग
- पाचन स्वास्थ्य: सहजन का सेवन अल्सर, अपच, और अन्य पेट की समस्याओं में फायदेमंद होता है। इसकी पत्तियां पाचन तंत्र को मजबूत करती हैं।
- वजन नियंत्रण: सहजन मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा देकर वजन कम करने में मदद करता है और शरीर में जमा फैट को घटाने में सहायक होता है।
- त्वचा की देखभाल: सहजन के एंटीऑक्सिडेंट तत्व त्वचा की चमक बढ़ाते हैं और उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करते हैं।
- हड्डियों की मजबूती: सहजन कैल्शियम और फास्फोरस का अच्छा स्रोत है, जो हड्डियों को मजबूत बनाता है और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्याओं से बचाव करता है।
यह सभी गुण सहजन को एक बहुमुखी और पोषणपूर्ण औषधि बनाते हैं, जिसका उपयोग स्वस्थ जीवन के लिए लाभकारी माना जाता है।
सहजन (ड्रमस्टिक) का उपयोग कैसे करें?
सहजन को विभिन्न तरीकों से उपयोग में लाया जा सकता है। यहाँ कुछ आम उपयोग के तरीके दिए गए हैं:
- फली: सहजन की फली को सब्जियों के साथ पकाकर या दाल में मिलाकर भोजन में शामिल किया जा सकता है।
- पत्तियां: पत्तियों का उपयोग सलाद, सूप या चटनी में करके स्वास्थ्यवर्धक रूप से सेवन किया जा सकता है।
- रस: पत्तियों से निकाला गया रस नियमित रूप से पीना शरीर के लिए फायदेमंद माना जाता है।
- पाउडर: सहजन के पत्तों या फली का पाउडर दूध या पानी के साथ मिलाकर सेवन किया जा सकता है, साथ ही इसे आटे में मिलाकर रोटी बनाने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है।
- बीज: बीजों का सेवन भी स्वास्थ्य लाभ के लिए किया जाता है, जो शरीर को पोषण प्रदान करते हैं।
इन विभिन्न रूपों में सहजन का समावेश आहार को पोषक तत्वों से भरपूर बनाने में मदद करता है।
सहजन (ड्रमस्टिक) के दुष्प्रभाव
हालाँकि सहजन को पोषक तत्वों का समृद्ध स्रोत माना जाता है और यह कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है, लेकिन इसका सेवन अत्यधिक मात्रा में करने पर कुछ नकारात्मक प्रभाव भी देखे जा सकते हैं। इन संभावित प्रभावों को ध्यान में रखना महत्वपूर्ण है:
- पाचन संबंधी असुविधा: सहजन का अधिक सेवन कुछ लोगों में पेट फूलना, गैस या हल्की पाचन गड़बड़ी जैसी समस्याएं उत्पन्न कर सकता है।
- गर्भावस्था में सावधानी: गर्भवती महिलाओं को सहजन की जड़ और अधिक मात्रा में पत्तियों या अर्क का सेवन करने से बचना चाहिए, क्योंकि इसमें ऐसे यौगिक हो सकते हैं जो गर्भाशय संकुचन को बढ़ा सकते हैं।
- कब्ज की संभावना: कुछ व्यक्तियों में अत्यधिक सेवन करने पर सहजन फाइबर की अधिकता के कारण कब्ज की स्थिति पैदा कर सकता है।
- गर्मी महसूस होना: आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से, सहजन को ‘उष्ण प्रकृति’ (गरम तासीर) का माना जाता है। अतः गर्मियों में या शरीर में पहले से गर्मी की स्थिति में इसका अत्यधिक सेवन असुविधा उत्पन्न कर सकता है।
- ध्यान रखें: किसी भी हर्बल या प्राकृतिक उत्पाद की तरह, सहजन का सेवन व्यक्तिगत सहनशीलता और स्वास्थ्य स्थिति के अनुसार ही किया जाना चाहिए। यदि आप गर्भवती हैं, किसी पुरानी बीमारी से ग्रस्त हैं, या दवाएं ले रहे हैं, तो सहजन का नियमित सेवन शुरू करने से पहले स्वास्थ्य विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लें।
सहजन (ड्रमस्टिक) लेते के समय बरती जाने वाली सावधानियां
सहजन पौष्टिक तत्वों से भरपूर है, लेकिन इसके सेवन में संतुलन बनाए रखना आवश्यक है। नीचे दी गई सावधानियाँ इस पौधे के सुरक्षित उपयोग में मदद कर सकती हैं:
- गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं: सहजन की पत्तियाँ और फली सामान्यतः सुरक्षित मानी जाती हैं, लेकिन गर्भवती महिलाओं को इसकी जड़ या अधिक मात्रा में अर्क के सेवन से बचना चाहिए। इनमें कुछ ऐसे यौगिक हो सकते हैं जो गर्भाशय पर प्रभाव डाल सकते हैं। इसलिए इस अवस्था में चिकित्सकीय सलाह आवश्यक है।
- पाचन तंत्र पर प्रभाव: त्यधिक मात्रा में सहजन का सेवन कुछ व्यक्तियों में अपच, गैस या पेट की हल्की गड़बड़ी जैसे लक्षण उत्पन्न कर सकता है। शुरुआत में इसकी थोड़ी मात्रा से शुरुआत करना बेहतर होता है।
- कब्ज की आशंका: सहजन में मौजूद फाइबर सामान्य रूप से पाचन में सहायक होता है, लेकिन कुछ लोगों में इसका अधिक सेवन कब्ज पैदा कर सकता है। यदि ऐसा होता है तो मात्रा घटाना उचित रहेगा।
- गर्मी का प्रभाव: आयुर्वेद में सहजन को गर्म प्रकृति का माना जाता है। अतः गर्म मौसम में या पहले से शरीर में गर्मी की स्थिति में इसका अत्यधिक सेवन करने से शरीर में असहजता, जैसे जलन या अधिक पसीना आना महसूस हो सकता है।
अन्य दवाओं के साथ क्रियाएं
हालांकि सहजन अपने औषधीय गुणों और पोषण तत्वों के लिए जाना जाता है, लेकिन इसका सेवन यदि आप किसी दवा का उपयोग कर रहे हैं, तो विशेष सावधानी की आवश्यकता होती है। सहजन में सक्रिय यौगिक मौजूद होते हैं जो कुछ दवाओं के साथ प्रतिक्रिया कर सकते हैं, जैसे कि रक्तचाप नियंत्रित करने वाली दवाएं, थायरॉइड की दवाएं, या मधुमेह की दवाएं।
इसलिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें:
- यदि आप किसी दीर्घकालिक बीमारी (जैसे मधुमेह, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप आदि) के लिए नियमित दवा ले रहे हैं, तो सहजन के सेवन से पहले अपने डॉक्टर या हेल्थकेयर प्रोफेशनल से परामर्श करें।
- दवा और सहजन के बीच परस्पर क्रिया (drug interaction) की संभावना से बचने के लिए सेवन की मात्रा और समय दोनों पर स्पष्ट मार्गदर्शन आवश्यक होता है।
सहजन के अर्क, पाउडर या सप्लीमेंट्स का सेवन कभी भी स्वयं-निर्णय के आधार पर न करें, खासकर यदि आप पहले से दवाओं पर निर्भर हैं।
निष्कर्ष
सहजन एक पोषणयुक्त और लाभकारी वनस्पति है, लेकिन इसे चिकित्सकीय दृष्टिकोण से समझना भी उतना ही आवश्यक है। किसी भी हर्बल उपाय की तरह, सहजन का सेवन भी तभी सुरक्षित और प्रभावी होता है जब उसे उचित मात्रा और स्वास्थ्य स्थिति के अनुरूप लिया जाए। यदि आप पहले से किसी चिकित्सा उपचार के अंतर्गत हैं, तो सहजन को अपने आहार में शामिल करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना आपकी सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए अत्यंत आवश्यक है। एक संतुलित दृष्टिकोण और चिकित्सा विशेषज्ञ की राय के साथ ही सहजन से पूर्ण लाभ प्राप्त किया जा सकता है।
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