Low BP Symptoms, Causes and Treatment in Hindi

बीपी कम होने के कारण, लक्षण और उपाय (Low BP Symptoms, Causes and Treatment in Hindi)

ब्लड प्रेशर (बीपी) शरीर की एक अहम शारीरिक प्रक्रिया है, जो हृदय और संचार प्रणाली के स्वास्थ्य को दर्शाती है। जब रक्तचाप सामान्य सीमा से नीचे चला जाता है, तो इसे निम्न रक्तचाप या लो बीपी कहा जाता है। आमतौर पर, सामान्य रक्तचाप का स्तर लगभग 120/80 mmHg माना जाता है। यदि यह स्तर 90/60 mmHg से नीचे पहुंच जाए, तो यह स्थिति Low BP की श्रेणी में आती है। हालांकि, कुछ लोगों में यह स्तर स्वाभाविक रूप से कम हो सकता है और यदि लक्षण मौजूद नहीं हैं, तो इसे चिकित्सकीय दृष्टि से असामान्य नहीं माना जाता।

निम्न रक्तचाप कई बार शरीर पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है, विशेषकर तब जब इसके कारण थकान, चक्कर, धुंधली दृष्टि या बेहोशी जैसे लक्षण महसूस हों। इस लेख में हम निम्न रक्तचाप के सामान्य संकेतों, संभावित कारणों, चिकित्सीय प्रबंधन और कुछ घरेलू उपायों पर विस्तृत जानकारी प्रदान कर रहे हैं ताकि आप इस स्थिति को बेहतर समझ सकें और इसका प्रभावी तरीके से सामना कर सकें।

लो ब्लड प्रेशर या निम्न रक्तचाप क्या है? (What is Low BP)

निम्न रक्तचाप, जिसे लो ब्लड प्रेशर भी कहा जाता है, एक ऐसी स्थिति है जिसमें धमनियों में रक्त प्रवाह का दबाव सामान्य स्तर से कम हो जाता है। रक्तचाप को दो मूल्यों में मापा जाता है — सिस्टोलिक दबाव (जब हृदय संकुचित होता है) और डायस्टोलिक दबाव (जब हृदय विश्राम की स्थिति में होता है)।

स्वस्थ वयस्कों के लिए सामान्य रक्तचाप का स्तर लगभग 120/80 mmHg माना जाता है। जब सिस्टोलिक दबाव 90 mmHg से कम और/या डायस्टोलिक दबाव 60 mmHg से कम हो जाए, और इसके साथ व्यक्ति को लक्षण जैसे चक्कर आना, थकान, या धुंधली दृष्टि हो, तो इसे क्लिनिकली महत्वपूर्ण हाइपोटेंशन (निम्न रक्तचाप) माना जा सकता है।

यह स्थिति कुछ लोगों में बिना किसी परेशानी के हो सकती है, लेकिन यदि लक्षण मौजूद हों, तो यह उपचार की आवश्यकता वाली चिकित्सा स्थिति बन सकती है।

लो बीपी के लक्षण (BP Low Symptoms)

निम्न रक्तचाप (हाइपोटेंशन) के संकेत व्यक्ति विशेष पर निर्भर कर सकते हैं, लेकिन कुछ सामान्य लक्षण जो इस स्थिति में प्रकट हो सकते हैं, निम्नलिखित हैं:

1. चक्कर आना या बेहोशी आना

जब शरीर में रक्त प्रवाह कम हो जाता है, विशेषकर मस्तिष्क तक, तो व्यक्ति को चक्कर आने या अस्थिरता महसूस हो सकती है। गंभीर मामलों में यह अस्थायी बेहोशी (syncope) का कारण भी बन सकता है। ऐसी स्थिति में बैठ जाना या लेटना सहायक हो सकता है।

2. लगातार थकान महसूस होना

निम्न रक्तचाप के कारण अंगों और मांसपेशियों को पर्याप्त ऑक्सीजन और पोषण नहीं मिल पाता, जिससे व्यक्ति खुद को कमजोर और थका हुआ महसूस कर सकता है— हल्की शारीरिक गतिविधियों के बाद भी।

3. दृष्टि में धुंधलापन

ब्लड प्रेशर के गिरने पर मस्तिष्क और आंखों में रक्त की आपूर्ति प्रभावित हो सकती है, जिससे अस्थायी रूप से देखने में धुंधलापन या दृश्य विकृति हो सकती है।

4. हृदय गति में अनियमितता

कुछ लोगों को हाइपोटेंशन के दौरान हृदय की धड़कन धीमी (ब्रैडीकार्डिया) या कभी-कभी तेज़ (टैकीकार्डिया) महसूस हो सकती है, जो हृदय और परिसंचरण प्रणाली पर प्रभाव डालता है।

5. ठंड लगना और पसीना आना

रक्तचाप कम होने पर शरीर की परिधीय रक्त धमनियाँ संकुचित हो जाती हैं, जिससे हाथ-पैर ठंडे महसूस हो सकते हैं। इस दौरान पसीना आना भी एक आम प्रतिक्रिया है, विशेष रूप से अगर हाइपोटेंशन का कारण संक्रमण या स्ट्रेस हो।

लो ब्लड प्रेशर के कारण (Low BP Causes)

रक्तचाप के सामान्य स्तर से नीचे गिरने की स्थिति कई आंतरिक और बाहरी कारणों से उत्पन्न हो सकती है। निम्नलिखित कारण अक्सर लौ ब्लड प्रेशर के पीछे पाए जाते हैं:

  • निर्जलीकरण (Dehydration): जब शरीर में पर्याप्त तरल नहीं होता, तो रक्त की मात्रा घट जाती है, जिससे हृदय को शरीर के विभिन्न हिस्सों में रक्त पहुंचाने में कठिनाई होती है। अधिक पसीना आना, गर्म वातावरण में रहना, उल्टी या दस्त होना, और पानी की कमी इस स्थिति को बढ़ा सकती है।
  • पोषण की कमी: विटामिन B12, फोलेट और आयरन जैसे आवश्यक पोषक तत्वों की कमी से एनीमिया विकसित हो सकता है, जिससे रक्तचाप कम होने की संभावना बढ़ जाती है। संतुलित आहार की कमी से यह समस्या लंबे समय तक बनी रह सकती है।
  • हृदय संबंधी विकार: हृदय की पंपिंग क्रिया में गड़बड़ी, जैसे दिल की धड़कन असामान्य होना (arrhythmia), हार्ट फेल्योर या वॉल्व से संबंधित समस्याएं, रक्तचाप में गिरावट का कारण बन सकती हैं।
  • मानसिक तनाव और चिंता: क्रॉनिक तनाव या अचानक भावनात्मक दबाव ऑटोनॉमिक नर्वस सिस्टम को प्रभावित कर सकता है, जिससे रक्तचाप गिर सकता है। तनाव हार्मोन जैसे कि कोर्टिसोल और एड्रेनालिन का असंतुलन भी रक्तचाप में परिवर्तन का कारण बन सकता है।
  • गर्भावस्था में रक्तचाप में गिरावट: गर्भवती महिलाओं में, विशेष रूप से गर्भावस्था के पहले और दूसरे त्रैमासिक में, रक्त धमनियों का फैलाव और हार्मोनल बदलाव अक्सर रक्तचाप में कमी का कारण बनते हैं। हालांकि यह आमतौर पर अस्थायी होता है, फिर भी निगरानी आवश्यक होती है।

लो ब्लड प्रेशर का इलाज (Low BP Treatment)

निम्न रक्तचाप की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कुछ व्यवहारिक और पोषण संबंधी उपाय अपनाए जा सकते हैं। ये तरीके लक्षणों को कम करने और समग्र स्वास्थ्य को बनाए रखने में सहायक हो सकते हैं:

  • संतुलित और पोषक आहार: नियमित रूप से पौष्टिक आहार लेना रक्तचाप के संतुलन में मदद करता है। आहार में हरी पत्तेदार सब्जियां, मौसमी फल, साबुत अनाज, दालें, और पर्याप्त प्रोटीन स्रोत शामिल करने से शरीर को आवश्यक विटामिन और खनिज प्राप्त होते हैं, जो कार्डियोवैस्कुलर प्रणाली को मजबूत बनाते हैं।
  • नियमित हल्का व्यायाम: दैनिक जीवन में हल्की शारीरिक गतिविधियां जैसे तेज़ चलना, योग और गहरी सांस लेने के व्यायाम (प्राणायाम) अपनाने से रक्त संचार सुधरता है और लो बीपी के लक्षणों में राहत मिलती है। नियमित व्यायाम हृदय को मजबूत करने में भी सहायक होता है।
  • पर्याप्त जल सेवन: डिहाइड्रेशन से बचने के लिए दिनभर में पर्याप्त पानी पीना आवश्यक है। शरीर को हाइड्रेटेड रखने से रक्त की मात्रा में संतुलन बना रहता है, जिससे ब्लड प्रेशर स्थिर रहता है।
  • नमक का सीमित और चिकित्सकीय उपयोग: कुछ मामलों में, डॉक्टर की सलाह के अनुसार, नमक का सेवन थोड़ा बढ़ाना निम्न रक्तचाप को सुधारने में सहायक हो सकता है, क्योंकि सोडियम शरीर में द्रव की मात्रा बनाए रखने में मदद करता है। हालांकि, इसका अधिक सेवन उच्च रक्तचाप और अन्य स्वास्थ्य जोखिमों का कारण बन सकता है, इसलिए इसकी मात्रा संतुलित और नियंत्रित होनी चाहिए।

लो ब्लड प्रेशर से बचाव (Low BP Prevention)

निम्न रक्तचाप की स्थिति को नियंत्रित करने और इसके लक्षणों से बचाव के लिए जीवनशैली में कुछ सरल परिवर्तन मददगार हो सकते हैं:

  • धीरे-धीरे शरीर की स्थिति बदलें: लेटे हुए या बैठी हुई स्थिति से अचानक खड़े होने पर रक्तचाप गिर सकता है, जिससे चक्कर आने का खतरा बढ़ जाता है। इससे बचने के लिए पहले बैठ जाएं, फिर धीरे-धीरे खड़े हों। विशेष रूप से सुबह उठते समय यह तरीका उपयोगी होता है।
  • दिनभर छोटे और संतुलित भोजन लें: बड़े और भारी भोजन के बजाय दिन में 4–5 बार हल्का और पोषक भोजन लेना रक्तचाप में स्थिरता बनाए रखने में सहायक होता है। अधिक मात्रा में भोजन एक साथ करने से शरीर का रक्त पाचन प्रक्रिया की ओर स्थानांतरित हो सकता है, जिससे रक्तचाप कम हो सकता है।
  • शारीरिक गतिविधि बनाए रखें: नियमित रूप से हल्के से मध्यम स्तर के व्यायाम, जैसे पैदल चलना, स्ट्रेचिंग, योग आदि, हृदय के स्वास्थ्य को बेहतर बनाते हैं और रक्त परिसंचरण को सुचारु रखते हैं। यह रक्तचाप को सामान्य बनाए रखने में मदद करता है।

लो बीपी (लो ब्लड प्रेशर) का परीक्षण (Low BP Test)

लो ब्लड प्रेशर की पहचान के लिए परीक्षण करना आवश्यक होता है। इसके लिए ब्लड प्रेशर मॉनिटरिंग डिवाइस (बीपी मापक यंत्र) का उपयोग किया जाता है, जो सिस्टोलिक और डायस्टोलिक दोनों रक्तचाप के मानों को मापता है। यदि मापा गया रक्तचाप 90/60 mmHg से कम होता है, तो इसे निम्न रक्तचाप माना जाता है।

बीपी लो कितना होता है?

स्वस्थ रक्तचाप का सामान्य मान लगभग 120/80 mmHg होता है। जब रक्तचाप 90/60 mmHg से नीचे गिर जाता है, तो इसे निम्न रक्तचाप (लो बीपी) कहा जाता है। इस स्थिति में व्यक्ति को चक्कर आना, थकावट और अन्य लक्षण महसूस हो सकते हैं। यदि रक्तचाप 70/40 mmHg से भी कम हो जाए, तो यह एक गंभीर स्थिति मानी जाती है, जिसमें तुरंत चिकित्सकीय देखरेख आवश्यक होती है।

बीपी लो के घरेलू उपाय (Home Remedies for Low BP)

निम्न रक्तचाप के लिए कुछ प्रभावी और प्राकृतिक घरेलू उपाय अपनाए जा सकते हैं:

  • नमक का संतुलित सेवन: नमक रक्तचाप को बनाए रखने में मदद करता है, इसलिए भोजन में थोड़ी मात्रा में नमक शामिल करना लाभकारी हो सकता है। हालांकि, अधिक मात्रा से बचना जरूरी है।
  • अदरक का उपयोग: अदरक रक्त प्रवाह को बेहतर बनाता है और लो ब्लड प्रेशर में सहायक होता है। इसे चाय के रूप में नियमित सेवन करना फायदेमंद हो सकता है।
  • किशमिश और बादाम: रात भर भीगे हुए किशमिश और बादाम को सुबह खाली पेट खाने से शरीर को ऊर्जा मिलती है और रक्तचाप में सुधार आ सकता है।
  • तुलसी के पत्ते: तुलसी में प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो रक्तचाप संतुलन में मदद करते हैं। रोजाना सुबह तुलसी के ताजे पत्ते खाने से लाभ होता है।
  • गुनगुने पानी में नींबू और शहद: गुनगुने पानी में नींबू और शहद मिलाकर पीने से शरीर हाइड्रेट रहता है, पाचन बेहतर होता है और ऊर्जा स्तर बढ़ता है, जो लो बीपी के लिए सहायक हो सकता है।

लो ब्लड प्रेशर के लिए व्यायाम

निम्न रक्तचाप को नियंत्रित करने में नियमित व्यायाम की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। नीचे कुछ प्रभावी व्यायाम और गतिविधियों के सुझाव दिए गए हैं:

  • योग और प्राणायाम: नियमित योगाभ्यास और प्राणायाम करने से रक्त संचार में सुधार होता है और मानसिक तनाव कम होता है, जिससे रक्तचाप को संतुलित बनाए रखना आसान हो जाता है।
  • सांस लेने के व्यायाम: प्राणायाम जैसे गहरी और नियंत्रित सांस लेने के अभ्यास रक्त परिसंचरण को बेहतर बनाते हैं और शरीर को आराम देते हैं, जो लो बीपी को नियंत्रित करने में सहायक होते हैं।
  • साधारण पैदल चलना: रोजाना कम से कम 30 मिनट पैदल चलना रक्तचाप को स्थिर रखने में प्रभावी है। यह एक आसान और प्राकृतिक तरीका है जो संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी होता है।
  • स्ट्रेचिंग व्यायाम: नियमित रूप से स्ट्रेचिंग करने से मांसपेशियों में रक्त प्रवाह बढ़ता है, जो हृदय और मस्तिष्क के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है।

इन उपायों को अपने दैनिक जीवन में शामिल करने से रक्तचाप को स्वाभाविक रूप से नियंत्रित करने में मदद मिलती है।

विशेषज्ञ उद्धरण

लो ब्लड प्रेशर, जिसे चिकित्सकीय रूप से हाइपोटेंशन कहा जाता है, तब होता है जब शरीर के महत्वपूर्ण अंगों — जैसे मस्तिष्क, हृदय और किडनी — तक पर्याप्त खून नहीं पहुंच पाता। इससे व्यक्ति को चक्कर आना, थकावट, धुंधलापन या कभी-कभी बेहोशी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। यह स्थिति अक्सर डिहाइड्रेशन, पोषक तत्वों की कमी, हार्मोनल असंतुलन या कार्डियक कार्यक्षमता में कमी के कारण देखी जाती है। उपचार में स्वस्थ जीवनशैली अपनाना, संतुलित पोषण लेना, पानी की पर्याप्त मात्रा बनाए रखना और आवश्यकता अनुसार चिकित्सा सलाह लेना शामिल होता है। यदि लक्षण बार-बार हों या सामान्य से अधिक गंभीर लगें, तो किसी योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से परामर्श लेना आवश्यक है।

-Dr. Sachin Singh

निष्कर्ष (Conclusion)

लो ब्लड प्रेशर एक सामान्य लेकिन महत्वपूर्ण स्वास्थ्य समस्या है, जिसे गंभीरता से लेना चाहिए। इसे समझना और इसके संकेतों को पहचानना आवश्यक है ताकि समय रहते उचित कदम उठाए जा सकें। संतुलित पोषण, नियमित शारीरिक गतिविधि और मानसिक तनाव नियंत्रण से निम्न रक्तचाप को रोकने में मदद मिल सकती है। साथ ही, कुछ सुरक्षित घरेलू उपाय भी इस स्थिति को बेहतर बनाने में सहायक हो सकते हैं। यदि लक्षण गंभीर या लगातार बने रहें, तो विशेषज्ञ चिकित्सक से परामर्श लेना और उचित उपचार कराना अत्यंत आवश्यक है।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

लो ब्लड प्रेशर को तुरंत कैसे नियंत्रित करें?

नमक और पानी का मिश्रण पीने से रक्तचाप में अस्थायी बढ़ोतरी हो सकती है, जिससे तुरंत राहत मिलती है। हालांकि, इसे बार-बार या लंबे समय तक उपयोग नहीं करना चाहिए।

लो ब्लड प्रेशर किन पोषक तत्वों की कमी से हो सकता है?

विटामिन बी12 और फोलेट की कमी रक्तचाप को प्रभावित कर सकती है, इसलिए संतुलित और पोषक तत्वों से भरपूर आहार लेना आवश्यक है।

लो ब्लड प्रेशर का कितना स्तर गंभीर माना जाता है?

यदि रक्तचाप 70/40 mmHg से कम हो जाए, तो यह गंभीर स्थिति मानी जाती है और तत्काल चिकित्सा सहायता की आवश्यकता होती है।

लो ब्लड प्रेशर होने पर किन खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए?

कैफीनयुक्त पेय पदार्थों और अत्यधिक प्रोसेस्ड फूड का सेवन सीमित करना चाहिए, क्योंकि ये रक्तचाप को और कम कर सकते हैं।

लो ब्लड प्रेशर के दौरान क्या खाना चाहिए?

फल, हरी सब्जियां और संतुलित नमकीन भोजन रक्तचाप को संतुलित रखने में सहायक होते हैं।

लो ब्लड प्रेशर का सबसे खतरनाक स्तर क्या होता है?

50/30 mmHg से नीचे का रक्तचाप अत्यंत गंभीर माना जाता है, जिससे जीवन के लिए खतरा हो सकता है।

क्या लहसुन खाने से रक्तचाप कम होता है?

हाँ, लहसुन रक्तचाप को नियंत्रित करने में मददगार हो सकता है और इसे आहार में शामिल करना लाभकारी होता है।

लो ब्लड प्रेशर को स्थायी रूप से कैसे नियंत्रित किया जा सकता है?

संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, पर्याप्त पानी पीना और स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर लो ब्लड प्रेशर को प्रभावी रूप से प्रबंधित किया जा सकता है।

लो ब्लड प्रेशर होने पर क्या घबराहट हो सकती है?

हाँ, लो बीपी के कारण घबराहट और बेचैनी महसूस हो सकती है, इसलिए इस स्थिति में शांति बनाए रखना आवश्यक है।

क्या मीठा खाने से ब्लड शुगर बढ़ता है?

मीठा खाने से ब्लड शुगर में अल्पकालिक वृद्धि हो सकती है, लेकिन इसे सीमित मात्रा में ही सेवन करना चाहिए।

लो ब्लड प्रेशर के लिए कौन सी एक्सरसाइज उपयुक्त होती है?

हल्के स्ट्रेचिंग व्यायाम और योगासन रक्त प्रवाह सुधारने और लो बीपी के प्रबंधन में सहायक होते हैं।

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